Saturday 30 April, 2011

६० प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर ......

अच्छे से अच्छे मोडम की बाजार में कीमत होती है १००० से १५०० रु मात्र ...
हमसे बी एस एन एल इसका मासिक किराया वसूलता है ५० रु ...
मतलब ६० प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर ....
क्या है भैया यह ....
कहने को T R A I है...उपभोक्ता हितो के लिये ....
ज्यादातर बुद्धिजीवी , पढ़े लिखे लोग ही ही ब्राड बैंड उपयोग कर रहे हैं , देश में ....
कोई इस मुद्दे को सही मंच पर उठायेगा ??
बिजली के मीटर १००० रु में आते हैं जिनका मासिक किराया १८ रु मासिक ही वसूला जाता है ...

Friday 29 April, 2011

किसानों की आत्महत्या के कारण व समाधान: सुझाव

किसानों की आत्महत्या के कारण व समाधान: सुझाव


हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर व्यापक रूप से आधारित है। अतः हमें किसानों हेतु ऐसा वातावरण बनाना आवष्यक है जिससे उनका आर्थिक उन्नयन हो एवं उनमें अपने भविष्य के प्रति आष्वस्ति हो।

1. किसानो के कल्याण की विभिन्न सरकारी योजनाओं अलग-अलग विभागो से चलाई जा रही है जिसके लिए किसानों को कृषि विभाग, राजस्व विभाग, बैंको, पषुपालन विभाग, पंचायतो आदि-आदि के चक्कर लगाने पडते है एवं उनका शोषण भी होता है। अतः मेरा सुझाव है ऐसी व्यवस्था की जावे जिससे समन्वित रूप से केवल एक ही बिंदु पर संपर्क करने से किसान को सारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिल सके एवं वहीं से उसका लाभ भी उसे मिल सके। इस तरह की व्यवस्था से योग्य उम्मीदवार को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ मिल सकेगा एवं किसी तरह का दोहराव भी नहीं होगा।

2. दोहरी फसल के पांच एकड से बडे किसानों को जो स्वंय खेती का कार्य न कर मजदूरो के माध्यम से खेती करवाते है सब्सिडी वाली सरकारी योजनाओ का लाभ न दिया जावे, होता यह है कि ऐसे बडे किसान ही इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले लेते है । वे ही सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्ट तरीको से लाभ देने हेतु प्रेरित करते है एवं वास्तविक लाभ के गरीब किसान वंचित रह जाते है।

3. बडी बीमारियों कैंसर, हृदय रोग आदि तथा ऐसी बीमारियाॅ जिनमे निरंतर औषधी सेवन करना पडता है जैसे मधुमेह, रक्तचाप आदि हेतु सारे छोटे किसानो का चिकित्सा बीमा करवाया जावे इससे किसानो में जीवन के प्रति आष्वस्ति बनी रहेगी।

ऐसे जनकल्याण मानको को स्थापित कर न केवल किसानो का जीवन बचाया जा सके वरन उनमें मनोबल बढाकर और भी सक्षम बनाने के सतत प्रयत्न होगें।


विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र
ओ.बी. 11, एमपीईबी कालोनी
रामपुर, जबलपुर (मप्र) 482008
मो. 9425806252



(लेखक को सामाजिक लेखन हेतु रेड एंड व्हाइट पुरस्कार मिल चुका है)

Friday 22 April, 2011

where r u?

where r u?
worried
call
mail
write
voice mail
anything
sms
pigeon
telepathy
laser uplink
telegraph
holme's signal
signal language you learnt in village on youtube
radio
encrypted signal over millitary network
note in a glass bottle throw it in the ocean
bat signal
smoke
light
seemingly unconnected spelling mistakes in college newspaper
disturbance in earths magnetic field
gravity wave
air writing with smoke planes
pizza delivery man messenger
strange impurities in crystal lattice of crystalline meteorite
oye ! kuch to kar
: OK last chance flying probe with 3-D projector

Friday 8 April, 2011

अन्ना की जीत रामभरोसे की जीत है ...

अन्ना की जीत रामभरोसे की जीत है ... जानते हैं न आप रामभरोसे को .. मेरे देश का अंतिम नागरिक !
लेकिन केवल इस जीत से भ्रष्टाचार समाप्त नही हो जावेगा ...उसके लिये आम आदमी के चारित्रिक उत्थान के लिये भी ऐसे ही अभियान की जरूरत है ....

Wednesday 6 April, 2011

चिंतन
जीवन भी २० .. २० क्रिकेट ही है


विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी ,रामपुर ,जबलपुर म. प्र. ४८२००८


२० .. २० क्रिकेट की तेजी ही उसकी रोचक तथा रोमांचकता है , जिसके कारण वह लोकप्रिय हुआ है . आज के व्यस्त युग में हमारा जीवन भी बहुत तेज हो चुका है , लोगो के पास सब कुछ है , बस समय नही है, बहुत कुछ साम्य है जीवन और २० ..२० क्रिकेट में . सीमित गेंदो में अधिकतम रन बनाने हैंऔर जब फील्डिंग का मौका आये तो क्रीज के खिलाड़ी को अपनी स्पिन गेंद से या बेहतरीन मैदानी पकड़ से जल्दी से जल्दी आउट करना होता है . जिस तरह बल्लेबाज नही जानता कि कौन सी गेंद उसके लिये अंतिम गेंद हो सकती है , ठीक उसी तरह हम नही जानते कि कौन सा पल हमारे लिये अंतिम पल हो सकता है . धरती की विराट पिच पर परिस्थितियां व समय बॉलिंग कर रहे है, शरीर बल्लेबाज है, परमात्मा के इस आयोजन में धर्मराज अम्पायर की भूमिका निभा रहे हैं ,विषम परिस्थितियां , बीमारियाँ फील्डिंग कर रही हैं, विकेटकीपर यमराज हैं,ये सब हर क्षण हमें हरा देने के लिये तत्पर हैं . प्राण हमारा विकेट है .प्राण पखेरू उड़े तो हमारी बल्लेबाजी समाप्त हुई . जीवन एक २० .. २० क्रिकेट ही तो है , हमें निश्चित समय और निर्धारित गेंदो में अधिकाधिक रन बटोरने हैं . धनार्जन के रन सिंगल्स हो सकते हैं ,यश अर्जन के चौके , समाज व परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारियो के निर्वहन के रूप में दो दो रन बटोरना हमारी विवशता है . अचानक सफलता के छक्के कम ही लगते हैं . कभी-कभी कुछ आक्रामक खिलाड़ी जल्दी ही पैवेलियन लौट जाते हैं, लेकिन पारी ऐसी खेलते हैं कि कीर्तिमान बना जाते हैं, सबका अपना-अपना रन बनाने का तरीका है .
जीवन के क्रिकेट में हम ही कभी क्रीज पर रन बटोर रहे होते हैं तो कभी फील्डिंग करते नजर आते हैं , कभी हम किसी और के लिये गेंदबाजी करते हैं तो कभी विकेट कीपिंग , कभी किसी का कैच ले लेते हैं तो कभी हमसे कोई गेंद छूट जाती है और सारा स्टेडियम हम पर हंसता है . हम अपने आप पर झल्ला उठते हैं . जब हम इस जीवन क्रिकेट के मैदान पर कुछ अद्भुत कर गुजरते हैं तो खेलते हुये और खेल के बाद भी हमारी वाहवाही होती है ,रिकार्ड बुक में हमारा नाम स्थापित हो जाता है .सफल खिलाड़ी के आटोग्राफ लेने के लिये हर कोई लालायित रहता है . जो खिलाड़ी इस जीवन क्रिकेट में असफल होते हैं उन्हें जल्दी ही लोग भुला भी देते हैं .
अतः जरूरी है कि हम अपनी पारी श्रेष्ठतम तरीके से खेलें . क्रीज पर जितना भी समय हमें परमात्मा ने दिया है उसका परिस्थिति के अनुसार तथा टीम की जरूरत के अनुसार अच्छे से अच्छा उपयोग किया जावे . कभी आपको तेज गति से रनो की दरकार हो सकती है तो कभी बिना आउट हुये क्रीज पर बने रहने की आवश्यकता हो सकती है .जीवन की क्रीज पर हम स्वयं ही अपने कप्तान और खिलाड़ी होते हैं . हमें ही तय करना होता है कि हमारे लिये क्या बेहतर है ? हम जैसे शाट लगाते हैं गेंद वैसी और उसी दिशा में भागती है , जिस दिशा में हम उसे मारते हैं . जिस तरह एक सफल खिलाड़ी मैच के बाद भी निरंतर अभ्यास के द्वारा स्वयं को सक्रिय बनाये रखता है , उसी तरह हमें जीवन में भी सतत सक्रिय बने रहने की आवश्यकता है . हमारी सक्रयता ही हमें स्थापित करती है ,जब हम स्थापित हो जाते हैं तो हमें नाम , दाम और काम सब अपने आप मिलता जाता है . जीवन आदर्श स्थापित करके ही हम दर्शको की तालियां बटोर सकते हैं . .