किताबों का सफर नामा
वर्ष 1994 में मेरी पहली नई कविता की किताब आई थी "आक्रोश " .
इसके बाद लगातार विभिन्न सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजनों से जुड़ा रहा . महिष्मति महोत्सव , फ़िल्म स्टार नाइट जैसे भव्य आयोजन सफलता पूर्वक हुए , रेवा तरंग , दिव्य नर्मदा जैसी स्मारिकाएँ व पत्रिकाएं सम्पादन से जुड़ा रहा ।
2000 में कान्हा पर एक काफी टेबल बुक आई।
2006 में व्यंग्य की किताब " रामभरोसे " आई। पुरस्कृत हुई।
2007 में नाटक संग्रह " हिन्दोस्तां हमारा " आया ।साहित्य अकादमी ने रु31000 का हरिकृष्ण प्रेमी सम्मान इसके लिए दिया ।
2009 में व्यंग्य संग्रह " कौआ कान ले गया " छपा । इसे भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
वर्ष 2013 में किताब " बिजली का बदलता परिदृश्य ' प्रकाशित हुआ ।बाद में इसका दूसरा संस्करण भी छपा ।
2015 में "मेरे प्रिय व्यंग्य लेख" सीरीज में मेरी किताब भी छपी ।
2015 में ही "जल जंगल और जमीन " जयपुर से छपी। स्कूलों में खूब खरीदी गई ।
इस बीच कुछ E बुक्स डेली हंट एप पर भी आईं ।
अनेक सामूहिक संग्रहो में समय समय पर कुछ न कुछ मित्र बुलाकर छापते रहे हैं।
उसी प्रकाशक ने मांगकर 2015 में ही मेरा पुरस्कार प्राप्त नाटक " जादू शिक्षा का" छापा ।
2019 में रवीना प्रकाशन दिल्ली के चन्द्रहास जी से परिचय हुआ , सुपरिणाम रहा , वैश्विक व्यंग्य संग्रह " मिली भगत ".
अब 2020 में आने को है मेरा व्यंग्य संग्रह " खटर पटर ".
वर्ष 1994 में मेरी पहली नई कविता की किताब आई थी "आक्रोश " .
इसके बाद लगातार विभिन्न सांस्कृतिक साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजनों से जुड़ा रहा . महिष्मति महोत्सव , फ़िल्म स्टार नाइट जैसे भव्य आयोजन सफलता पूर्वक हुए , रेवा तरंग , दिव्य नर्मदा जैसी स्मारिकाएँ व पत्रिकाएं सम्पादन से जुड़ा रहा ।
2000 में कान्हा पर एक काफी टेबल बुक आई।
2006 में व्यंग्य की किताब " रामभरोसे " आई। पुरस्कृत हुई।
2007 में नाटक संग्रह " हिन्दोस्तां हमारा " आया ।साहित्य अकादमी ने रु31000 का हरिकृष्ण प्रेमी सम्मान इसके लिए दिया ।
2009 में व्यंग्य संग्रह " कौआ कान ले गया " छपा । इसे भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
वर्ष 2013 में किताब " बिजली का बदलता परिदृश्य ' प्रकाशित हुआ ।बाद में इसका दूसरा संस्करण भी छपा ।
2015 में "मेरे प्रिय व्यंग्य लेख" सीरीज में मेरी किताब भी छपी ।
2015 में ही "जल जंगल और जमीन " जयपुर से छपी। स्कूलों में खूब खरीदी गई ।
इस बीच कुछ E बुक्स डेली हंट एप पर भी आईं ।
अनेक सामूहिक संग्रहो में समय समय पर कुछ न कुछ मित्र बुलाकर छापते रहे हैं।
उसी प्रकाशक ने मांगकर 2015 में ही मेरा पुरस्कार प्राप्त नाटक " जादू शिक्षा का" छापा ।
2019 में रवीना प्रकाशन दिल्ली के चन्द्रहास जी से परिचय हुआ , सुपरिणाम रहा , वैश्विक व्यंग्य संग्रह " मिली भगत ".
अब 2020 में आने को है मेरा व्यंग्य संग्रह " खटर पटर ".
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