नमस्कार
विविध विषयों पर मुझ जैसे नासमझ की समझ
पठनीय
Reminiscence..
संस्कृत का मजा हिन्दी में
.विवेक की कवितायें
बिजली चोरी के विरुद्ध ..
रामभरोसे... व्यंग
प्रो.सी.बी.श्रीवास्तव "विदग्ध" की रचनायें
Tuesday 16 October, 2007
राम जाने कि क्यों राम आते नहीं
हो रहा आचरण का निरंतर पतन ,
राम जाने कि क्यों राम आते नहींहै
सिसकती अयोध्या दुखी
देके उनको देके शरण क्यों बचाते नहीं ?
..................अनुगुंजन से
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