आदरणीय महोदय,
विवेक के सारस्वत नमन
मेरी व्यंग कृति "रामभरोसे "को हाल में ही अखिल भारतीय दिव्य रजत अलंकरण प्राप्त हुआ.
मेरी कुछ व्यंग रचनायें आप मेरे ब्लाग http://vivekkevyang.blogspot.com पर देख सकते हैं .
मैं अपने अगले व्यंग संग्रह हेतु प्रकाशक के रूप में आपसे सहयोग का विनम्र आकांक्षी हूँ.
पिताजी प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव कृत रघुवंश व मेघदूत के श्लोकशह हिन्दी छन्द बद्ध पद्यानुवाद भी प्रकाशित करवाना चाहता हूँ .
कृपया संपर्क करें , जिससे पाण्डुलिपि प्रेषित कर सकूँ .
सादर ,
भवदीय
विवेक रंजन
०९४२५४८४४५२
vivekranjan.vinamra@gmail.com
Ex. Engineer
Qr. No. - C-6
M.P.S.E.B.Colony , Rampur , JABALPUR (MP)
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