Sunday, 18 May 2008

ये मन ध्यान प्रभु का भुलाने न पाये

ये मन ध्यान प्रभु का भुलाने न पाये

प्रो सी बी श्रीवास्तव
सी ६ विद्युत मण्डल कालोनी
रामपुर जबलपुर

ये मन ध्यान प्रभु का भुलाने न पाये ।
शिथिलता कहीं कोई आने न पाये ।।

बड़ी ही प्रबल हैं विषय वासनायें
सदा अपने चंगुल में मन को फसाँये ।
वही बच सके जो रहे साफ निश्छल
औ प्रभु की कृपा से गये जो बचाये ।।१।।

यहाँ मोहमाया ने सबको भुलाया
न कोई समय पर कभी काम आया ।
हरेक रास्ते में है धोखे हजारों
सदा कर्म अपने ही बस काम आये ।।२।।

है दुनियाँ पुरानी मगर अजनबी है
कभी कुछ है लेकिन अलग कुछ कभी है ।
बदलती रही सदा ये अपनी चालें
करेगी ये कल फिर कोई क्या बताये ?३।।

है बस अपना खुद का औ प्रभु का सहारा
न ऐसा कोई जो कभी न हो हारा .।
थके हारे मन को मिली चेतना नई
तभी जब भी भगवान ने पथ दिखाये ।।४।।

सदा ध्यान से शुध्दता मन ने पाई
यही शुध्दता ही है सच्ची कमाई ।
सदा ज्योति बन आये भगवान आगे
कि निष्पाप मन से गये जब बुलाये ।।५।।

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