हिन्दी ब्लागिंग के विगत वर्ष ....
पारिवारिक साहित्यिक संस्कारो के चलते लिखना छपना तो स्कूल के दिनो से ही प्रारंभ हो गया था , २००५ में हिन्दी ब्लागिंग प्रारंभ कीhttp://vivekkenamaskar.blogspot.in/ और दुनिया से सीधे जुड़ गया . मजा आता था ,न ही संपादक जी की कैंची चल पाती थी, न तो छपने के लिये इंतजार करना होता था , और संपादक के खेद सहित वापसी के लिफाफे का तो डर ही नही था .
ब्लाग विथ ए मिशन http://nomorepowertheft.blogspot.com/ भी चल रहा है .
ब्लाग एग्रीगेटर , ब्लागवाणी , नारद जी के सौजन्य से घण्टे दो घण्टो में ढ़ेर सी प्रतिक्रियायें भी आ जाती थीं .
फिर मैने वेब दुनिया पर भी ब्लागिंग की http://duniyagolhai.mywebdunia.com/
. ग्रुप ब्लागो में भी लिखा , कई कई जगह http://bhadas.blogspot.in/
.
मित्रो के साथ मिलकर दिव्य नर्मदा http://divyanarmada.blogspot.in/जैसी साहित्यिक पत्रिका भी ब्लाग पर बना डाली .
पर इन दिनो जो मजा जागरण जंक्शन पर आ रहा है वह नयापन लिये हुये है . कमी बस इतनी है कि अब तक ब्लाग लेखन पर पारिश्रमिक की कोई व्यवस्था नही है , मतलब जो घर बेचे आपनो चले हमारे साथ ....
हमारे जैसे सैकड़ो धुनी इस हिन्दी सेवा में लगे ही हैं . समय ही इनके प्रयासो का मूल्यांकन करेगा .
1 comment:
वाह! 2005 से ब्लाग से जुड़े हैं। बधाई!
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